Dainik Khabari

Valentines Day 2024 : 14 फरवरी को क्यों मनाया जाता है क्या होता है इसका मतलब , जानें इस दिन का इतिहास

आज के दिन दुनियाभर में वैलेंटाइन्स डे के रूप में इस दिन जश्न मनाया जाता है। यह दिन हर साल 14 फरवरी को ही मनाया जाता है। ये दिन कपल्स के लिए और निब्बी निब्बा के लिए और गर्ल फ्रेंड के लिए बेहद ही खास है। और जिसकी की गर्ल फ्रेंड या बॉय फ्रेंड नहीं है उन लोगो का इस दिन से कोई लेना देना नहीं है। आप लोग फिर इस आर्टिकल पढ़ कर ज्ञान प्राप्त कर सकते है। तो चलिए जानते है इस दिन का इतिहास के बारे में

Valentines Day 2024 आप सभी लोगो को बता देना चाहता हु की फरवरी का महीना वैसे भी प्यार करने वालो लोगो के लिए खास होता है। इस महीने कपल्स और निब्बी निब्बा प्यार के रंग में रंगे नजर आएंगे। पहला दिन रोज डे से सुरु होता है और ये सात दिन तक चलता है। इसी किये इसको वैलेंटाइन वीक भी कहते है। और यह आज के दिन वैलेंटाइन डे के दिन खतम हो जाता है। ये वीक 7 फरवरी से सुरु हो जाता है और 14 फरवरी को खत्म हो जाता है।

लेकिन आप ये नहीं जानते होंगे की 14 फरवरी को मानते है इस दिन का क्या इतिहास होगा। और आखिर इसी दिन को ही इत्ता वैल्यू दिया जाता है। अगर नहीं जानते है थो चलो आपको में बता देता हु इस दिन के बारे में।

वैलेंटाइन डे को आखिर क्या कहनी है ?

 

वैलेंटाइन डे लो सेलिब्रेट करने की कहानी सुरु होती है रोम के एक संत से है। बात ऐसे है की रोम का एक राजा था जिसका नाम क्लाउडियस था ,वो प्यार करने के सख्त खिलाफ था क्योकि उसका मानना था की अगर सैनिक लोग प्यार करने लगेंगे , थो उनका मन काम से भटक सकता है और जिससे रोम कमजोर हो सकता है। यही वजह थी की उन्होंने सैनिको के शादी पर रोक लगा दी। वही एक तरफ संत वैलेंटाइन प्यार का प्रचार करते थे। और वो यही नहीं रुके उन्होंने राजा के खिलाफ होकर बहुत लोगो की शादी भी करा दी थी।

 

संत वैलेंटाइन को क्या सजा मिली ?

संत वैलेंटाइन ने बहुत से लोगो ली सधी करवाई थी जिससे राजा क्लाउडियस को बहुत ग़ुस्सा आ गया और उनको बहुत बुरा लगा और भावनाओ को ठेस पहुंची , जिसकी वजह से रोम के राजा ने उनको कड़ी से कड़ी सजा देने के लिए घोसड़ा कर दी। और इसके बाद संत वैलेंटाइन को 14 फरवरी को फांसी दे दी। उसी दिन से वैलेंटाइन डे मनाने की शुरुआत हुई। उसी दिन से रोम सहित दुनिया भर में लोग प्यार को बाटने लगे और 14 के रूप में वैलेंटाइन की मानाने का प्रचलन सुरु हो गया और यह आज भी जारी है

तो दोस्तों यही है इसका इतिहास।

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